डर के आगे जीत है – Motivational Story in hindi 2025 | Most Inspiring

Motivational Story

डर के आगे जीत है

Motivational Story in hindi – गाँव के लोग उसे ‘अंधेरा’ बुलाते थे। उसका असली नाम तो था रामकिशोर, लेकिन उस नाम से उसे कोई नहीं पुकारता था। बचपन से ही उसकी आँखें कमज़ोर हो गई थीं 

और धीरे-धीरे पूरी तरह से अंधकार ने उसे घेर लिया था। लेकिन अंधेरे ने उसे तोड़ नहीं पाया था, बल्कि उसके अंदर एक अलग ही तरह की दृढ़ता पैदा कर दी थी।

गाँव के लोग उसे दया की नज़रों से देखते थे, लेकिन वह उनकी दया से कतराता था। वह चाहता था कि लोग उसे एक सामान्य इंसान की तरह देखें, 

एक इंसान जिसके पास देखने की क्षमता नहीं है, लेकिन जीने की चाहत बहुत ज़्यादा है।

Motivational Story in hindi : Hindi Story Life 

एक दिन, गाँव के स्कूल में एक कार्यक्रम हो रहा था। सभी बच्चे रंग-बिरंगे कपड़ों में सजे-धजे थे। गाँव के सरपंच ने मंच से कहा, “अब हमारे स्कूल के सबसे होनहार छात्र, रामकिशोर को बुलाया जाता है।”

सभी की नज़रें रामकिशोर की तरफ गईं। वह डर गया था, लेकिन फिर भी हिम्मत जुटाकर मंच पर गया। सरपंच ने उसके हाथ में एक माइक थमाया। 

रामकिशोर ने गहरी साँस ली और बोला, “सभी दोस्तों, शिक्षकों और गाँव वालों को मेरा नमस्कार। मैं रामकिशोर हूँ, जिसे आप अंधेरा भी कहते हैं।”

सन्नाटा छा गया। किसी को उम्मीद नहीं थी कि रामकिशोर कुछ बोलेगा। लेकिन रामकिशोर ने आगे बढ़ते हुए कहा, “मैं जानता हूँ, मैं आप लोगों से अलग हूँ। 

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मैं दुनिया को आपके जैसा नहीं देख सकता, लेकिन मैं उससे जुड़ा हुआ हूँ। मैं महसूस करता हूँ, सुनता हूँ, और समझता हूँ।”

उसकी बात सुनकर सभी लोग भावुक हो गए। रामकिशोर ने आगे बढ़ाते हुए कहा, “मैंने इस स्कूल में पढ़ाई नहीं की है, लेकिन मैंने ज़िंदगी से बहुत कुछ सीखा है। 

मैंने सीखा है कि अंधेरा सिर्फ आँखों का नहीं होता, दिल का भी होता है। और उजाला भी सिर्फ आँखों का नहीं, दिल का ही होता है।

उसकी बात ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया। रामकिशोर ने आगे बढ़ाते हुए कहा, “मैंने सुना है कि हमारे गाँव में बहुत सारे बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं। 

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उनके माता-पिता उन्हें काम पर लगा देते हैं। मैं चाहता हूँ कि ऐसे बच्चों को पढ़ने का मौका मिले।”

रामकिशोर की बात ने जैसे बिजली की तरह सबको झकझोर दिया। उस दिन के बाद से, गाँव में एक नई जागृति हुई। 

लोगों ने मिलकर एक फंड जुटाया और एक नया स्कूल बनवाया गया। रामकिशोर को उस स्कूल का पहला प्रधानाचार्य बनाया गया।

रामकिशोर ने अपनी ज़िंदगी को एक मिसाल बना दिया। उसने दिखाया कि अंधेरा कितना भी घना हो, इंसान के अंदर की रोशनी उसे चीर सकती है। 

Motivational Story in hindi 2025

उसने दिखाया कि अगर इच्छाशक्ति हो तो कोई भी मुश्किल काम आसान हो सकता है।

वह अब ‘अंधेरा’ नहीं रहा था, बल्कि ‘उजाला’ बन गया था। एक ऐसा उजाला जो अंधेरे में भी रास्ता दिखाता था।

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