एक बुढ़ि मां की कहानी – Motivational Story in Hindi | Ek Budhi Aama Ki Kahani

Motivational Story in Hindi

एक बुढ़ि मां की कहानी 

किसी ने बड़े कमाल की बात कही है की अगर आप किसी का अच्छा नहीं कर सकते तो किसी का बुरा भी मत करना क्योंकि दुनिया कमजोर हो सकती है दुनिया बनाने वाला नहीं ! 

 नमस्ते दोस्तों मै हूँ  PK Kumar

एक बड़ी छोटी सी कहानी है शर्मा जी की, स्कूटर पर सवार होकर के हर सुबह दफ्तर निकल जाते थे एक दिन सुबह – सुबह जा रहे थे , 

तो मिस (mrs.)शर्मा ने कहा कि वापस आते हुए ऐप्पल ले करके आ जाना, शर्मा जी को बात याद रहेंगी 

जब ऑफिस जा रहे थे तो फ्लाइ ओवर से पहले ही नीचे ही जो है सड़क किनारे एक माताजी बैठी हुई थी और सेव जो है बेच रही थी 

उन्होंने अपना स्कूटर रोक लिया और पूछने लगे की क्या भाव दिए, माताजी ने कहा चालीस रुपये किलो अब शर्मा जी जो थे मोलभाव पर अड़ गए , 

Motivational story in hindi : Life changing motivational story

कहने लगे की तीस रुपए किलो, माताजी कहने लगी पैंतीस रुपए किलो, इससे कम नहीं शर्मा जी ने कहा तीस रुपए से एक रुपए ज्यादा नहीं दूंगा , 

माताजी कहने की ऐसे मत करो बेटा ले लो ना पैंतीस रुपये किलो शर्मा जी ने अपने स्कूटर की रेस बढ़ाई और निकाल लिया ऑफिस पहुँच गए , 

जब शाम में वापस निकले दफ्तर से तो बात क्या है एप्पल ले करके जाना तो जिंस फ्रूट भंडार से वो खरीदते थे उसी चकाचौंक भरे फ्रूट भंडार में पहुँच गए । 

अब वहाँ मोलभाव तो कर नहीं सकते थे क्योंकि कभी किया ही नहीं था वहाँ तो फिक्स्ड रेट का बोर्ड लगा हुआ है, 

वहाँ जा कर के देखते हैं कि ऐप्पल के भाव चल रहे हैं पचास रुपये किलो शर्मा जी का दिमाग था न की ये क्या बात हुई वहाँ सड़क किनारे तो चालीस रुपए में मिल रहा था 

और उनसे भी मैं तीस रुपये का मोलभाव कर रहा था दौड़ करके पहुंचे उस फ्रूट भंडार के मालिक के पास जाकर कहने लगे भाई चालीस रुपये किलो में दे दो 

उसने कहा भाई साहब कैसी बातें कर रहे हैं यहीं से तो खरीदते हो आप, शर्मा जी ने कहा वो तो ठीक है लेकिन मुझे पता चला बाहर की रेट तो चालीस रुपए किलो है।

फ्रूट भंडार के मालिक ने कहा भाई साहब ऐसे मत करो आप बोर्ड दिखा नही जो पीछे लगा रखा है कि मोल भाव करके हमें शर्मिंदा ना करे , 

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शर्मा जी शर्म के मारे चुपचाप वहाँ से निकल लिया और इस उम्मीद में कि उस फ्लाइओवर के नीचे किनारे जो माताजी बैठी थी, वो शायद अभी बैठी है उन्हीं से सेब खरीद लूँगा । 

स्कूटर दौड़ाया पहुँच गए वहाँ पर माताजी बैठी हुई थी माताजी पहचान गई तो वहीं सुबह वाले कहने की बाबू साहब पैंतीस रुपये किलो बस अब मोलभाव मत करना । 

शर्मा जी मुस्कुराकर कहने लगी की आरे माताजी कोई मोल भाव नहीं आप तो दो किलो सेव जो है पैक कर दो और ये सौ रुपए रखो, 

तो कहने लगी अम्मा, की मेरे पास में खुले नहीं है शर्मा जी ने कहा खुले की जरूरत नहीं है आप रख लो।

सौ रुपये में दो किलो पचास रुपये किलो में अभी देख आया हूँ किसी और दुकान से बड़ी सी दुकान से मैं तो आपके यहाँ से लेके जाऊंगा । 

माता जी की आँखों में आंसू आ गए कहने लगी मैं क्या बताऊँ हमारी ऐसी हालत हो गई कि सड़क किनारे फल बेचने पर मजबूर हूँ मेरे पति की मृत्यु हो गई वो बीमार थे । 

और कर्जा भी बढ़ गया था इस चक्कर में सब जाता रहा अब ये नौबत आ गई बस सड़क किनारे कुछ फल ले करके आ जाती है इस उम्मीद में की कोई खरीद लेगा 

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कोई खरीदता ही नहीं शर्मा जी ने कही ऐसी बात मत करो मैं कल सुबह फिर आऊंगा थोड़े और पैसे लेकर के और मेरे पैसे रख लेना कर्जा चुकाना दुकान चलाना सब अच्छा होगा । 

घर पर पहुंचे जाकरके मिस्टरस शर्मा को दो किलो सेव दी और कहा कि रख लो और मुझे पांच सौ रुपए का एक नोट लाकर के दो कल किसी की मदद करनी है 

मैडम ने पूछा कि क्या हुआ तो पूरी कहानी उन्हें सुनाई और कहने लगे की हम पता नहीं क्यों मोल भाव करते हैं, सड़क किनारे जो सामान बेचते हैं, ऐसे लोगों से ये मजबूर होते हैं 

लाचार होते हैं अपनी जिंदगी अपने जज्बे के दम पर जी रहे होते हैं और हम उनसे भी मोल भाव कर रहे होते हैं जबकि बड़े बड़े शोरूम में जाते हैं और पैसे देकर के आ जाते हैं 

पूछते भी नहीं है कितना क्या कैसे शर्मा जी अगले दिन पहुंचे माता जी के पास और पांच सौ का नोट देकर कहा कि माता जी कर्जा चुकाना शुरू करो और फल लाना शुरू करो मंडी से 

और अच्छे से जो है दुकान जमाओं माताजी कहने लगे की बेटा तुम्हारे पांच सौ रुपए कैसे चुकाऊगा शर्मा जी ने कहा चुकाना नहीं है, मैं आपसे फल खरीदता रहूंगा, 

अब आप चिंता मत करो, ऑफिस जाकर के शर्मा जी ने वही बात अपने साथियों को बताई तो उन्होंने भी कहा हम भी उन्हें अम्मा जी से फल खरीद लेंगे 

धीरे धीरे ऑफिस के साथियों ने मिल कर के पैसे इकाटाठा करते गया और एक जो है ठेलागाड़ी माताजी को खोरीदकर दे दिया। 

इस कहानी की सीख :- Motivational story in hindi

हमेशा दुसरो की मदद करना क्या पता आपकी छोटी सी मदद किसी की जिंदिगी बदल जाए, छोटी ही सही लेकिन मदद जरूर करना, आप दूसरों की मदद करते रहिए भगवान आपका मदद करेगा और मोल भाव करना बंद कीजिए । धन्यवाद l

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