मूर्तिकार पिता और पुत्र की कहानी
Motivational Story for Students in Hindi – एक छोटे से गाँव में एक प्रसिद्ध मूर्तिकार रहते थे। उनकी ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई थी। उनके बनाई हुई मूर्तियां जीवंत लगती थीं।
उन्हें अपनी कला पर बहुत गर्व था। उनके एक छोटा बेटा भी था जो अपने पिता को मूर्तियां बनाते हुए देखता था।
धीरे-धीरे, उसमें भी कला का बीज पनपने लगा। वह भी मूर्तियां बनाने लगा। पिताजी अपने बेटे की कला को देखकर बहुत खुश थे।
Motivational Story for Students in Hindi 2024
उन्होंने बेटे को मूर्तिकला सिखाना शुरू किया। बेटा भी बहुत मेहनती था। उसने अपने पिता से बहुत कुछ सीखा।
कुछ सालों बाद, बेटा भी एक कुशल मूर्तिकार बन गया। उसकी मूर्तियां भी पिताजी की तरह ही जीवंत लगने लगीं।
एक दिन, एक बड़ी प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। दोनों पिता और पुत्र ने प्रतियोगिता में भाग लेने का फैसला किया।
Motivational Story for Students in Hindi – Hindi Kahani
प्रतियोगिता का दिन आया। दोनों ने अपनी-अपनी मूर्तियां प्रस्तुत कीं। न्यायाधीशों ने दोनों मूर्तियों को देखा और वे बहुत प्रभावित हुए।
उन्होंने दोनों मूर्तियों को पुरस्कार दिया। पिताजी अपने बेटे की सफलता देखकर बहुत खुश थे। उन्हें अपने बेटे पर गर्व था।
इस कहानी की सीख :- Motivational Story for Students in Hindi
यह कहानी हमें सिखाती है कि मेहनत और लगन से सफलता जरूर मिलती है। हमें अपने बच्चों को उनकी प्रतिभा के अनुसार आगे बढ़ने का मौका देना चाहिए।
सफलता के लिए हमें कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए। और हमेसा महेनत करते रहने चाहिए !
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इस कहानी का एक और पहलू भी है
Motivational Story for Students in Hindi – जब बेटा एक कुशल मूर्तिकार बन गया, तो उसे अपने पिता की कला से बेहतर कला बनानी थी।
लेकिन पिताजी हमेशा अपने बेटे की मूर्तियों में कोई न कोई कमी निकाल देते थे।
यह बेटे को परेशान करने लगा।
एक दिन, बेटा अपने पिता से बोला, “पिताजी, आप हमेशा मेरी मूर्तियों में कमी निकालते हैं। क्या मैं कभी भी आपसे बेहतर मूर्तिकार नहीं बन पाऊंगा?
पिताजी ने मुस्कुराकर कहा, “बेटा, मैं जानता हूं कि तुम मुझसे बेहतर मूर्तिकार बन सकते हो। लेकिन मैं तुम्हें यह सिखाना चाहता हूं
Motivational Story for Students in Hindi : Moral Story
कि सफलता के लिए कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए। हमेशा सीखने और सुधारने की कोशिश करते रहना चाहिए।“
बेटा पिताजी की बात समझ गया।
उसने फिर से मेहनत शुरू कर दी। कुछ सालों बाद, वह अपने पिता से भी बेहतर मूर्तिकार बन गया।
इस कहानी की सीख :- Motivational Story for Students in Hindi
यह कहानी हमें सिखाती है कि सफलता के लिए हमें कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए। हमें हमेशा सीखने और सुधारने की कोशिश करते रहना चाहिए।
एक अच्छा पिता अपने बच्चे को सफलता के लिए सही मार्गदर्शन देता है। धन्यवाद !
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